लालू यादव और कांग्रेस सरकार ने राज ठाकरे के साथ मिलकर जो चुनावी नाटक खेला है वो अब क्लाइमेक्स पर पहुंचता जा रहा है. अब लालू सारे बिहार के राजनीतिक दलों से इस्तीफा देने के लिये कह रहे हैं ये साफ साफ अपना प्रभुत्व कायम करने की चाल है. लालू का सारा नाटक सिर्फ बिहार में आने वाले लोकसभा चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिये था, यह एकदम स्पष्ट हो गया है.
महाराष्ट्र में कांग्रेसी सरकार है और राजठाकरे का नाटक कांग्रेस के साथ मिलकर खेला जा रहा है. लंगड़ी कांग्रेसी सरकार लालू और मुलायम के हत्था टिकाने पर ही सरक रही है और लालू द्वारा कभी भी अपना हत्था सरकाने पर ये सरकार ओंधा कर भरभरा जायेगी. क्या महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी युति लालू की सहमति के बिना ये काम कर सकती हैं?
कानून व्यवस्था बनाना और बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है इसके लिये कांग्रेस-एनसीपी युति की जिम्मेदारी है. लालू और मुलायम की पार्टी इनकी सहयोगी है. टीवी पर चीख पुकारने की नौटंकी करने वाले लालू ने कांग्रेस-एनसीपी युति के खिलाफ क्या किया? सिर्फ अपने घड़ियाली आंसू बहाये, बड़े बड़े नारे लगाये और …
समझो यूपी बिहार वालो, लालू का ये खेल समझो, न समझोगे तो पीछे पछताने के लिये भी कुछ नहीं बचेगा
ये राजनीति नहीं राज-अनीति है, लालू इसमें सिद्दहस्त है.
बिहार की बदहाली के लिये जो जिम्मेदार हैं वही आज मसीहा बन बैठे हैं
हमें अपना भविष्य खुद बनाना होगा, वरना ये गिद्द हमें जिन्दा ही नौंच नौंच कर खा जायेंगे. लालू के खेल को समझो
हरिवंश जी ने बिहार, झारखंड यानी हिंदीपट्टी के छात्रों से जो ईमानदार गुज़ारिश की है उस पर ध्यान दो
वरना हम एसे ही गालियां खाते रहेंगे, पिटते रहेंगे.